meta name="google-site-verification" content="HvZ8Wvtz5ZGDSlztNCSl1kQSm4gKtDJzD-71oX3W81U" /> घमंडी बरहसिंगा

घमंडी बरहसिंगा

 घमंडी  बरहसिंगा 



 किसी वन में एक बारहसिंगा रहता था | गर्मियों के दिन थे | बारहसिंगा को बहुत जोर से  प्यास लगी थी   | वह पानी पीने के लिए एक स्वच्छ जल वाले तलाब  पर गया | पानी पीते समय नजर अपनी परछाई पर पड़ी वह सोचने लगा की मेरा सिंग कितना सुंदर हे ,मुझे तो इस वन का राजा होना चाहिए था | इतने में उसने अपनी भद्दी टांगो को देखा | टांग देखकर उसे बहुत दुख हुआ | उसने सोचा की ईश्वर कितना अन्याई हे


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अभी वह ऐसा  सोची ही  रहा था की उसे शिकारी कुत्ते भौंकने की आवाज सुनाई दी | बारहसिंग  तीव्र गति से भगा | भागते - भागते  एक मोड़ पर उसकी सिंग झाड़ी में   फस  गए | उसने इसे छुड़ाने की बहुत कोशिश की परंतु वह सफल न हो सका | इतने में कुत्ते निक्ट आ गए | अब वह सोचने लगा की आज मेरी मृत्यु इन सिंग के कारण ही होगी | मेरी भद्दी टांग ने मुझे बचाने का बहुत प्रयत्न किया | कुत्ते देखते ही उस पर झपट पड़े और फार कर खा गए | 


शिक्षा :-  घमंडी का सिर नीचा |

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