चोर की दाढ़ी में तिनका
किसी नगर में एक धन्यवाद व्यक्ति रहता था | उसके पास बहुत संपति थी | उसका कारोबार भी बहुत बड़ा था | काम - काज संभालने के लिए उसने बहुत से नौकर रखे हुए थे | उन नौकरों में एक नौकर को चोरी करने की आदत थी | एक बार उस नौकर ने मालिक के आभूषण के पेटी चुरा ली |
उस धनवान व्यक्ति ने आभूषण की पेटी के लिए अनेक प्रयत्न किए किंतु निष्फल रहा | चोर का कोई पता न लगा सका| अंत में उसे एक उक्ति सूझी | उसने दूसरे दिन अपने सभी नौकर को इक्कठा किोया और उन सब को एक लंबी छड़ी दे दी | धनवान आदमी ने नौकर से कहा की जिसने आभूषण की पेटी चुराई होगी : उसकी छड़ी एक इंच लंबी हो जायेगी | उसने सब नौकर को घर वापसी भेज दिया और प्रातःकाल छड़ी के सहित आने को कहा | जिन नौकर ने चोरी नहीं की थी उनको तो डर नहीं था | वे निश्चिंत रहे | परंतु चोर डर गया | उसने सोचा “ में पहले ही छड़ी को एक इंच छोटी कर दूं |’ उसने एक इंच छड़ी को काट दिया और दूसरे दिन उसी छड़ी को लेकर धनी के पास गया | सबके नौकरों की छड़ियां पूरी थी परंतु चोर की छड़ी छोटी थी | उसकी चोरी पकड़ी गई |
शिक्षा :- चोर हमेशा भयभीत , अशांत रहता हे अथवा चोर की दाढ़ी में तिनका
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