सुहानी के शरीर पर थे लाल चटके: मां बोली अधूरा रह गया बेटी
**कहानी: अधूरा रिश्ता**
एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में रहने वाली एक छोटी सी लड़की थी, नाम था सुहानी। सुहानी की माँ उसे बहुत प्यार करती थी और उसके सपनों को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करती थीं।
एक दिन, सुहानी खेलते समय चोट लगा और उसकी चोट पर एक लाल चटका आ गया। माँ ने उसकी चोट को देखा और वहाँ लाल चटका देखकर चिंगारी हो गई। "अधूरा रह गया बेटी," माँ ने अधूरा रिश्ता का एहसास किया।
इसके बाद, सुहानी ने समय और मेहनत के साथ अपनी चोट को ठीक किया और अपने सपनों की ओर अग्रसर हुई। उसने कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी।
समय बीता और सुहानी ने अपने सपनों को पूरा किया। उसने अपनी माँ को गर्वित किया और उन्हें खुशी की अशीर्वाद दिया। उसकी माँ कहती थी, "बेटी, तुमने मेरे साथी को पूरा किया। हमारा रिश्ता कभी अधूरा नहीं रहा।"
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि कभी-कभी हमारे जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं, लेकिन हमें हार नहीं माननी चाहिए। उन कठिनाइयों का सामना करने से हम अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते हैं और अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करते हैं।